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3.11.20

Aaj ka vichar("आज का विचार") - Spiritual World

"आज का विचार"

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#2 एक परमानन्दमय दिवस

रविवार के लिए विचार 

1.जो व्यक्ति संतुष्ट है, चाहे उसके बैंक-खाते में थोड़ासा ही धन हो, फिर भी वह स्वयं को बहुत धनाडय समझता है।
2.मनोविकारों पर विजय प्राप्त करना ही आत्मा की सच्ची स्वतंत्रता है। 
3.दूसरों को खुशी देना सर्वोत्तम दान है। 
4.जो हर्षितमुख है, वह स्वयं भी प्रसन्‍न रहता है और दूसरों के अधरों पर भी मुस्कान ले आता है। 
5.होठों पर मुस्कान हर मुश्किल कार्य को आसान कर देती है।

6.आत्मोन्नति के लिए अधिक-से-अधिक समय लगायें तो दूसरों की आलोचना करने का समय ही नहीं मिलेगा। 
7.जीवन के माधर्य का रस लेने के लिए हमें बीती बातों भुला देने की शक्ति अवश्य धारण करनी है। 
8.व्यर्थ कर्म भारीपन व थकान लाते हैं जबकि श्रेष्ठ कर्म हमें प्रसन्‍न व हल्का बना कर ताजगी प्रदान करते हैं।
9.जो प्रसन्‍न रहते हैं, उनके मन में कभी आलस्य नहीं आता। आलस्य एक बहुत बड़ा विकार है।
10.परमानन्दमय जीवन की असली नींव सन्तुलन है। यह ध्यान में रखने से आपका वर्तमान तथा भविष्य निश्चय ही सदा उज्ज्वल रहेंगे।



11.सन्तुष्टता व खुशी साथ साथ रहते हैं। इन गुणों से दूसरे आपकी ओर स्वत: आकर्षित होंगे।
12. यदि हर कदम ईश्वर की स्मृति में रहकर उठाया जाये तो ज़रा सोचिये कि एक-एक कदम में   कितना सौभाग्य समाया हुआ है!
13.यदि किसी भूल के कारण कल का दिन दु:ख में बीता तो उसे याद कर आज का दिन व्यर्थ न       गवाइये। ,
14.हर्षितमुखता चेहरे का सच्चा सौंदर्य है! चिड़चिड़े स्वभाव का व्यक्ति वास्तव में कुरूप है।
15.जीवन एक नाटक है, यदि हम इसके कथानक को समझ लें तो सदैव प्रसन्‍न रह सकते हैं।

16.शुभ प्रयास करने में आप जितने अधिक आनन्दित होंगे, इन प्रयासों का   फल प्राप्त होने पर आपकी प्रसन्नता और भी बढ़ जायेगी।
17.जब आप मुस्कराते हैं तब न केवल आपको खुशी मिलती है बल्कि आप   दूसरों के जीवन में भी आशा की किरण संचारित कर देते हैं।
18.सभी परिस्थितियों म॑ सन्तुलन बनाये रखना प्रसन्‍नता की चाबी है।
19.बहुत से लोग आपके साथ झगड़ा करना चाहेंगे, ऐसी स्थिति में विजय पाने के लिए दो शस्रों की आवश्यकता है। वे हैं मुस्कान और स्नेहयुक्त व्यवहार
20.कभी कभी आपको एक मुस्कान, मरुस्थल में जल की बूंद जैसी लाभदायक सिद्ध हो सकती है।



21.आप मनोरंजन से जीवन का आनन्द अवश्य लें, परन्तु यह जाच करें कि क्या इससे आपका जीवन आन्तरिक रूप से समृद्ध बनता है?
22.यदि में एक क्षण खुश रहता हूं तो इससे मेरे अगले क्षण भी खुश होने की   संभावना बढ़ जाती है
23.एक धनी व्यक्ति का धन चोरी या नष्ट हो सकता है परन्तु बुद्धिमान व्यक्ति की खुशी व विवेक   सुरक्षित रहते हैं। 
24.दुःखों से भरी इस दुनिया में वास्तविक सम्पत्ति कौन-सी है? धन या प्रसन्नता! 
25.व्यक्ति को महावीर तभी कहा जाता है जब वह विकट परिस्थितियों का हंसी खुशी से सामना       करता है। 

26.आयु बढ़ने के साथ या दुर्घटना से शारीरिक सुन्दरता नष्ट हो सकती है परन्तु आत्मिक       सुन्दरता कभी नष्ट नहीं होती है। 
27.मूर्ख व्यक्ति चाहता है कि सब उसकी ओरे ध्यान दें जबकि बुद्धिमान व्यक्ति इस बात की     परवाह नहीं करता है। 
28.ईमानदार सच्चे दिल वाला व्यक्ति स्वयं को सदा हल्का व तनावमुक्त अनुभव करता है। 
29.अपनी चक्र पर सम्पूर्ण नियन्रण ही सच्ची विजय है। यदि आपका मन अतीत के बंधनों तथा बीती बातों में उलझा हुआ है तो आप वर्तमान का आनन्द अनुभव नहीं कर सकेंगे। 
30.यदि आप जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आपकी इच्छायें सीमा से आगे न बढ़ने पायें।
 

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